सेवानिवृत एनएसजी कमांडो ने खेती-किसानी में महारथ हांसिल की

किसान मुकेश का कृषकों से कहना है, कि अपने खेत के कुछ इलाकों में हर किसी को बाग लगाना चाहिए। इससे आमदनी भी बढ़ जाती है। साथ ही, लोगों को गौपालन भी करना चाहिए। एनएसजी कमांडो का नाम कान में पड़ते ही बड़े- बड़े आतंकियों के पसीने आ जाते हैं। यह इतने फुर्तीले होते हैं, कि पलक झपकते ही चीते की भांति वार करते हैं। परंतु, आज हम एक ऐसे एनएसजी कमांडो के विषय में बात करेंगे, जो दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के उपरांत अब खेती- किसानी में महारथ हासिल कर रहे हैं। वे खेती से वर्ष में लाखों रुपये की आमदनी कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि रिटायरमेंट लेने के पश्चात ये आधुनिक विधि से बागवानी कर रहे हैं। इनके बाग में अनार, अमरूद, नींबू, खजूर और तरबूज- खरबूज समेत विभिन्न प्रकार की फसलें लहलहा रही हैं।

एनएसजी कमांडो किसान का नाम और गांव क्या है

बतादें, कि इस एनएसजी कमांडो किसान का नाम मुकेश मांजू है, जो कि राजस्थान में पिलानी के निवास हैं। पूर्व में मुकेश एनएसजी में कमांडर थे। वर्ष 2018 में रिटायरमेंट लेने के उपरांत उन्होंने जैविक विधि से खेती चालू की। फिर देखते ही देखते इनकी किस्मत चमक गई। हालांकि, उन्होंने कहा है, कि रिटायरमेंट लेने से पूर्व ही वर्ष 2012 में ही अपने पिता के साथ मिलकर खेती में हाथ बटाना चालू कर दिया था। उन्होंने पारंपरिक के स्थान पर आधुनिक विधि से खेती करना शुरू किया। उन्होंने अपने बाग में कीनू, खेजड़ी, नींबू, बेर और खजूर समेत विभिन्न प्रकार के फलों के वृक्ष लगाए हैं। उन्होंने बताया है, कि वे जैविक ढ़ंग से खेती कर रहे हैं। हालांकि, खजूर की खेती के लिए उन्हें सरकार की ओर से अनुदान भी प्राप्त हुआ है।

एनएसजी कमांडो की आय पूर्व के तुलना में 10 गुना बढ़ गई है

विशेष बात यह है, कि मुकेश मांजू ने अपने बाग में एग्रो-टुरिज्म भी चालू कर दिया है। लोग उनके खेत पर आकर रुकते हैं। साथ ही, प्रकृति का आनंद उठाते हैं। इस दौरान मुकेश उन्हें फ्रूट्स भी खिलाते हैं। जाते वक्त टूरिस्ट मुकेश से बहुत सारे फ्रूट्स एवं सब्जियां भी खरीदते हैं। उन्होंने बताया है, कि खेती से उनकी आमदनी पहले की तुलना में 10 गुना बढ़ गई है। आज वह वार्षिक 25 लाख रुपए की आमदनी कर रहे हैं।